Internet kya hai
आज के Post में हम Internet क्या है। Internet की कार्यप्रणाली के बारे में जानेंगे।
परिचय (Introduction)
Internet को संक्षेप में "नेट" (Net) भी कहा जाता है, जिसमें किसी Computer पर कार्यरत व्यक्ति internet से जुड़े किसी भी अन्य Computer से सुचना प्राप्त कर सकता है। सर्व प्रथम 1969 में अमेरिकन सरकार के रक्षा मंत्रालय की एडवांस्ड रिसर्च प्रोजेक्ट्स एजेंसी (ARPA) व्दारा इसका उपयोग किया गया तथा इसका नाम ARPANET रखा गया। इसका मूल उद्देश्य एक ऐसा network बनाना था जो एक विश्वविद्यालय में किये जाने वाले अनुसंधान कार्यो की सूचनाएं दूसरे विश्वविद्यालय को दे सके।
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1980 के दशक के अंतिम वर्षो में इंटरनेट के व्दारा सूचनाएं सामान्य लोगो तक पहुंचने लगी। 1989 में world wide web (WWW) का विकास हुआ। 1990 के दशक के प्रारंभिक वर्षो में Email, web और online chat ने इंटरनेट की लोगप्रियता तथा उपयोगिता सुधार किया।
इंटरनेट (Internet)
इंटरनेट दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्को में से एक है जो दुनिया भर के लाखो, करोडो कम्प्यूटरो से जुड़ा हुआ है। Communication उपकरणों और मीडिया, जैसे - मॉडेम, केबल, टेलीफोन लाइन और सैटेलाइट के जरिये इस नेटवर्क को एक्सेस कर सकते है।
वर्तमान में लगभग 500 मिलियन लोग दुनिया के विभिन्न हिस्सों में इंटरनेट का उपयोग करते है। इंटरनेट के जरिये किसी को मैसेज भेज सकते है, बैंकिंग, इन्वेस्ट, टैक्स भुगतान, शैक्षणिक कोर्स, गेम खेलना, म्यूजिक सुनना और मूवी देखना जैसे कार्य घर बैठे ही सकते है। इंटरनेट में कई लोकल, रीजनल, नेशनल और इंटरनेशनल नेटवर्क शामिल रहते है।
इंटरनेट की कार्यप्रणाली (Working of Internet)
भारत में ISP (Internet Service Provider) के रूप में विदेश संचार निगम लिमिटेड (VSNL) को नियुक्त किया गया है। जब भी कोई computer User internet से जुड़ने के लिए इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) से इंटरनेट कनेक्शन लेना पड़ता है। User Connection विभिन्न प्रकार के हो सकते है -
1. डायल अप कनेक्शन (Dial Up Connection)
यह user तथा internet service provider को connect करने की सबसे ज्यादा प्रयोग की जाने वाली विधि है। इसके लिए user के computer के अलावा टेलीफ़ोन कनेक्शन तथा मॉडेम का उपयोग करते है।
2. टी. सी. पी. / आई. पी. (TCP/IP)
TCP/IP का पूरा नाम ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल / इंटरनेट प्रोटोकॉल होता है। यह कई प्रोटोकॉल्स का समूह होता है, जो किसी नेटवर्क में जुड़े हुए कम्प्यूटरो का आपस में कनेक्ट करता है चाहे नेटवर्क से जुड़ा computer किसी भी प्रकार का हो। यह दो प्रकार का होता है -
- सीरियल लाइन प्रोटोकॉल (SLIP)
- पॉइंट टू पॉइंट प्रोटोकॉल (PPP)
3. लीज्ड लाइन (Leased Line)
इस प्रकार के कनेक्शन की कीमत काफी अधिक होती है, क्योकि इसमें User के लिए अलग से टेलीफ़ोन लाइन ली जाती है जिससे User का computer हमेशा internet से जुड़ा रहता है।
4. ISDN लाइन (ISDN Line or Integrated service digital network)
ISDN मूलरूप से एक हाई - स्पीड इंटरनेट सर्विस है, जिसने सन 1990 के दौरान हाई स्पीड इंटरनेट के विकास में सर्विस प्रोवाइडर्स को काफी प्रोत्साहित किया।
ISDN इंटरनेट सर्विस मुख्यतः दो प्रकार की होती है -
- बेसिक रेट ISDN लाइन (Basic Rate ISDN Line)
- प्राइमरी रेट ISDN लाइन (Primary Rate ISDN Line)
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