Introduction of DBMS

डाटाबेस प्रबंधन प्रणाली 

(Database Management System) 

आज  के  Post  में  हम  Database Management System क्या है ,  DBMS के उद्देश्य और आवश्यकता के बारे में जानेंगे।


What is DBMS 

एक Database, Data का संगठित संग्रह है। हम सुचना के कंटेनर के रूप में इसकी कल्पना कर सकते है। Database की संकल्पना को 1960 के दशक में डिजाइनिंग, निर्माण और जटिल सुचना प्रणाली के रखरखाव की लगातार बढ़ती कठिनाइयों को कम करने के लिए विकसित किया गया है। 



What is DBMS
What is DBMS


एक Database Management System computer program को control करने, इसके रखरखाव, और एक Database का उपयोग के साथ एक software package है। एक DBMS Users को Application program में एक साथ एक ही Database का उपयोग करने की सुविधा देता है। 

अच्छी तरह से जाने माने DBMS इस प्रकार है - Oracle, IBM DB2, Microsoft SQL Server, Microsoft Access, Postgre SQL, MySQL, Fox Pro और SQLite. 


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डाटा और सुचना (Data and Information)

असंसाधित तथ्य (Unprocessed facts) जैसे – text, Numbers, image etc. को आंकड़े या डाटा (Data) कहा जाता है। संसाधित (Processed) डाटा सुचना प्रदान करते है तथा डाटा को प्रोसेस करने के बाद यह अर्थपूर्ण हो जाते है। प्रोसेस के बाद डाटाओं को सुचना (Information) कहते है। 


DBMS ka  parichay
Data and Information 

उदाहरण के लिए डाटा (कार्य किये गए घंटो की संख्या और वेतन – दर) को प्रोसेस करके सुचना (साप्ताहिक वेतन) प्राप्त की जाती है। इसी प्रकार किसी Student व्दारा Exam में प्राप्त किये गए अंक (Number) डाटा है। जबकि इसे प्रोसेस करने के बाद निकलने वाली प्रतिशतता (Percentage) सूचना कहलाती है। 


डाटाबेस की अवधारणा (Concepts of Database)

डाटा – प्रोसेसिंग में computer के प्रयोग से पहले सभी organization में कई तकनीकें उपलब्ध थी।  जिनसे आवश्यक Information को जनरेट करने के लिए डाटा को आसानी से प्राप्त किया जा सकता है। लेकिन इस डाटा को हैंडल करने की कुछ सीमाएँ थी -

1. Processing के लिए अधिक मैन – पॉवर की आवश्यकता। 

2. Processing का धीरे होना। 

3. Information को अधिक समय तक रखना संभव नही होना। 

4. सिर्फ एक स्तरीय सिक्यूरिटी का प्रबंध (फिजिकल लॉकिंग)

5. बड़े लेजर व बुक को फिजिकल रूप से हैंडल करना। 


कंप्यूटर टेक्नोलॉजी के एडवांसमेंट के कारण इनका आगमन हुआ – 

1. प्रोसेसिंग पॉवर  

2. प्रोसेसिंग स्ट्रेटजी   

3. ऑपरेटिंग सिस्टम  

4. लॉजिकल तथा फिजिकल रूप से आसान एक्सेस 

इस एडवांसमेंट से डाटा – हैंडलिंग की नई तकनीक का जन्म हुआ जिसे “DBMS” कहा जाता है। DBMS में मुख्य रूप से तीन शब्द है -

Database – Data को अत्यधिक मात्रा में स्टोर करना। 

Management – Data को हैंडल करने से सम्बंधित गतिविधियाँ (डाटाबेस का क्रिएशन, डाटाबेस में डाटा जोड़ना, डाटा को मॉडिफाई करना, डाटा को हटाना और डाटा को प्राप्त करना)

System – एक विशेष Program या Software  


ऐसा software जो विभिन्न मैनेजमेंट ऑपरेशन जैसे – “क्रिएशन, Database में डाटा को जोड़ना, मॉडिफिकेशन, हटाना तथा प्राप्त करना” Database Management System कहलाता है। 

“Unprocessed facts” or “Raw facts” are called data. A data can be any form i.e.,it can contain numbers of text pictures, sound or combination and any of these forms.” 

“Meaningful data” or “Processed data” is called information.


Concept of DBMS

       Concepts of Database

“डाटाबेस, सम्बंधित सूचनाओं का एक व्यवस्थित रूप है “ व्यवस्थित सूचनाएं ही डाटाबेस है। जिस प्रकार dictionary में सभी शब्द Alphabetically arranged होते है। उसी प्रकार database में जो डाटा स्टोर होता है। वो भी एक नियम का प्रयोग करता है। कोई भी Organization, bank, university जहाँ पर बहुत ही बड़ी संख्या में डाटा को स्टोर करते है। वहां database का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि बिना database के बड़ी संख्या के डाटा को स्टोर और प्रोसेस करना बहुत ही कठिन होता है। 

डाटाबेस का उद्देश्य (Purpose of Database) 

Data का व्यवस्थित व अर्थपूर्ण रूप सूचना कहलाता है। किसी भी संगठन का प्रभावी निर्णय इस बात पर निर्भर करता है कि उस संगठन के पास उपलब्ध data सही हो तथा विश्वसनीय हो। 

हमारे दैनिक जीवन के बहुत से कार्य Database पर आधारित है जैसे – एक टेलीफ़ोन डायरेक्टरी में सभी के number Alphabetically arranged होते है। जिससे किसी का भी number हमें जानना है तो हम उसका number देख सकते है। उसी प्रकार किसी कंपनी के कर्मचारियों के नाम, उनके पते, उनका वेतन आदि कर्मचारी डायरेक्टरी में होते है। जिससे किसी कर्मचारी के बारे में जानकारी आसानी से प्राप्त हो जाती है। 

डाटाबेस की आवश्यकता (Need of Database)

डाटाबेस के व्दारा निम्न कार्य आसानी से हो जाते है – 

1 . नई सुचना को जोड़ना आसान होता है। 

2 . पूर्व उपलब्ध सूचनाओं में संशोधन करना आसान होता है। 

3 . सूचनाओं को अपने अनुसार क्रम में व्यवस्थित किया जा सकता है। 

4 . अनावश्यक सूचनाओं को हटाया जा सकता है। 


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Divya Kosale

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